बहुत भटके हैं वो मगर नहीं मिला
पडाव तो मिले हमें घर नहीं मिला
चोराहों में उलझ गयी मंजिलें मेरी
रास्ते का सुराग उम्रभर नहीं मिला
मुसाफिरों के सब वादे फरेब निकले
हमसफ़र कोई लोट कर नहीं मिला
लोग चोरी करके शाहकार रचा गये ……….. शाहकार-महानकीर्ति
हमारे ओजारों को हुनर नहीं मिला
रास्ता तन्हा भी कट गया आलम
क्या हुआ जो हमसफर नहीं मिला