मुहब्बत में
प्यार की चाशनी सने या
आंसुओं से भीगे
खतों का दोर गया.
छतों पर धूप सेकती
रात सी काली जुल्फें के
शर्मीले इशारे,
दूर ही दूर से
खिड़कियों पर रखे
पाकीज़ा आँखों के पैगाम
अब कहाँ?
लाइकिंग.
मीटिंग.
एन्जोयिंग.
लिवइन.
ब्रेकअप.
फॉरगेट.
नई तहज़ीब ने
धुंधली की सिंदूर रेखा.
जन्मों के मिलन का विश्वास
चंद दिनों का तजुर्बा बना.
बिस्तरों पर सिमट गयी मुहब्बत
जिस्मों के तकाज़े बचे रहे
मर गयी मुहब्बत.