आप दुनियादार बहुत हैं
यानी गुनाहगार बहुत हैं
मुहब्बत है अगर गुनाह
हम कसूरवार बहुत हैं
दर्द का इलाज है कहाँ
दिल के बीमार बहुत हैं
बस अपना ही नहीं कोई
यूँ दोस्त यार बहुत हैं
जहां ईमान बिकता है
एसे भी बाज़ार बहुत हैं
दुनिया बता जाएँ कहाँ
तुझ से बेज़ार बहुत हैं
बेखुदी का तलबगार नहीं कोई
नशे के खरीदार बहुत हैं